Bankelal_KULAKSHANI MANI _Rajcomics_August Set 2011
>> Wednesday, 23 November 2011
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बांकेलाल की चाल में फंस कर रानी स्वर्णलता ने राजा विक्रमसिंह के सामने रख दी है आसमान से तारे तोड़ कर लाने की शर्त! अब अगर रानी को कोप भवन से बाहर लाना है तो राजा विक्रमसिंह को आसमान से तारे तोड़ कर लाने ही होंगे! महारानी कि इच्छा पूरी करने के लिए एक हथोडा ले कर बांकेलाल निकल पड़ा है राजा विक्रमसिंह के साथ! अब पता नहीं इस हथोडे से वो आसमान से तारे तोड़ कर लाएगा या तोडेगा राजा का सिर! इस बार उसकी चाल सफल होने की प्रबल संभावनाएं हैं क्योंकि उसे मिल गयी है कुलक्षणी मणि!
बांकेलाल की चाल में फंस कर रानी स्वर्णलता ने राजा विक्रमसिंह के सामने रख दी है आसमान से तारे तोड़ कर लाने की शर्त! अब अगर रानी को कोप भवन से बाहर लाना है तो राजा विक्रमसिंह को आसमान से तारे तोड़ कर लाने ही होंगे! महारानी कि इच्छा पूरी करने के लिए एक हथोडा ले कर बांकेलाल निकल पड़ा है राजा विक्रमसिंह के साथ! अब पता नहीं इस हथोडे से वो आसमान से तारे तोड़ कर लाएगा या तोडेगा राजा का सिर! इस बार उसकी चाल सफल होने की प्रबल संभावनाएं हैं क्योंकि उसे मिल गयी है कुलक्षणी मणि!
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