SARVSANGRAM - Rajcomics Multistarer Comics Free Download
>> Wednesday, 20 May 2015
SARVSANGRAM
Format: Printed
Issue No: SPCL-2559-H
Language: Hindi
Author: Nitin Mishra
Penciler: Sushant Panda
Inker: Vinod Kumar
Colorist: Pradeep Sehrawat, Abhishek Singh
Pages: 96
सर्वसंग्राम #2559 सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के सभी महानायक अपनी जान पर खेल कर मानवता पर मंडरा रहे भयानक खतरे से जूझ रहे हैं! उनके युग लगे हैं दांव पे! शुरू हो चुकी है खूनी प्रतिस्पर्धाएं! जो जीतेगा उसका ही युग ब्रह्मांड में अस्तित्व में रहेगा, जो हारेगा उसका युग हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा!, रक्षक ही लड़ रहे हैं रक्षक से! इन खूनी लड़ाइयों के विजेता ही बचा पाएंगे अपने लोगों और अपने युग को! अति रोमांचक, रोचक और अनोखा होगा ‘एक युद्ध- एक युग’ नामक देवताओं का रचा यह रहस्यमयी महारण!
Rs 90.00
Rs 85.50 You Save: 5.00%
Issue No: SPCL-2559-H
Language: Hindi
Author: Nitin Mishra
Penciler: Sushant Panda
Inker: Vinod Kumar
Colorist: Pradeep Sehrawat, Abhishek Singh
Pages: 96
सर्वसंग्राम #2559 सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के सभी महानायक अपनी जान पर खेल कर मानवता पर मंडरा रहे भयानक खतरे से जूझ रहे हैं! उनके युग लगे हैं दांव पे! शुरू हो चुकी है खूनी प्रतिस्पर्धाएं! जो जीतेगा उसका ही युग ब्रह्मांड में अस्तित्व में रहेगा, जो हारेगा उसका युग हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा!, रक्षक ही लड़ रहे हैं रक्षक से! इन खूनी लड़ाइयों के विजेता ही बचा पाएंगे अपने लोगों और अपने युग को! अति रोमांचक, रोचक और अनोखा होगा ‘एक युद्ध- एक युग’ नामक देवताओं का रचा यह रहस्यमयी महारण!
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3 comments :
मेरे हिसाब से अभी तक आये सभी खंडो मे से सब से बढ़िया खंड है...सर्वसंग्राम। बात अगर कहानी की करते है तो...अभी तक कोई सिरा नहीं मिला...हाँ कुछ और कहानियां जुड़ जरूर गयी। जैसे गगन और विनाशदूत, mahaaravan, हरु, ड्रैकुला, वॉर लार्ड बर्डेलो, नरकपुत्र रक्ष। देखते है..कहानी की लाइन और लेंथ का समझ आती है।
अब बात करते है युगम् क्षेत्र की परमाणु और प्रचंडा की प्रतियोगिता का अंत हुआ और बहुत ही जबरदस्त तरीके से। इस खंड की TRP यही हिस्सा रहा और जब भी भविष्य मे सर्वनायक शृंखला की बात होगी तो परमाणु और प्रचंडा के प्रतियोगिता का जिक्र जरूर होगा।
अब बात करते है शक्ति और तिलिस्मदेव के युद्ध की...जोके इस खंड का प्रचार करने वाला खंड भी था। थोडा निरास करता है..साथ ही एक पुरुष के बड़ेपन को भी दिखता है...वही शक्ति को एकदम विवेकहीन दिखाया गया है। और सही मायने मई विजेता तिलिस्मदेव ही रहे।
कहानी का तृतीय अधयाय 'प्रलय से पूर्व' बड़ा ही confusing लगा, क्या त्रिफना सीरीज के बाद विसर्पी का अपहरण हुआ था अब देखना है के लेखक इसे पाठको को कैसे समझते है।
बात करते है अडिग की...जो के सर्वनायक शृंखला की खोज है..फिर है घिरा हुआ है..लेकिन इस बार विलेनो से...मेरी उत्सुकता एक बात को लेकर और के अडिग गर्भग्रह को तोडना क्यों चाह रहा है..जो के...सर्वदमन मे दिखाया गया था...लेकिन इस खंड से वो विषय नदारद है।
अगले खंडो मे एक और बात देखने वाली बात होगी, प्रेत अंकल और ऍंथोनी की टक्कर ड्रैकुला, सधम और वॉर लार्ड बर्डेलो से
यह खंड बहुत ही रोमांचक रहा, पढ़ने मे बहुत मजा आया
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