DHRUVA DIGEST 15 - Super Comando Dhruv Comics Free Download
>> Saturday, 16 May 2015
DHRUVA DIGEST 15
Format: Printed
Issue No: DGST-0092-H
Language: Hindi
Author: Anupam Sinha
Penciler: Anupam Sinha
Inker: Vitthal Kamble
Colorist: N/A
Pages: 192
खूनी खानदान-100 कथा एवं चित्र : अनुपम सिन्हा, स्याही : विट्ठल कांबले, सुलेख एवं रंग : सुनील पांडे, संपादक : मनीष गुप्ता ध्रुव को आई एक गुमनाम कॉल जिसके जरिए उसे पता चला कि उसके पिता श्याम एक फरार हत्यारे थे! और फिर ध्रुव पर हुआ कुछ अंजान विदेशी अपराधियों का जानलेवा हमला! क्या रहस्य था इन सब घटनाओं का! क्या ये सब एक षड्यंत्र था या फिर ध्रुव का खानदान था एक खूनी खानदान! अतीत-105 कथा एवं चित्र : अनुपम सिन्हा, स्याही : विट्ठल कांबले, सुलेख एवं रंग : सुनील पांडे, संपादक : मनीष गुप्ता अपने पिता को बेगुनाह साबित करने और अपने अतीत को जानने के लिए ध्रुव पहुंच गया फ्रांस जहां कदम-कदम पर उसके लिए मौत का जाल बिछाया गया था! क्या ध्रुव जान पाया अपना अतीत या वो खुद बन कर रह गया एक अतीत! जिग्सा-109 कथा एवं चित्र : अनुपम सिन्हा, स्याही : विट्ठल कांबले, सुलेख एवं रंग : सुनील पांडे, संपादक : मनीष गुप्ता अपने अतीत का पीछा करते-करते ध्रुव पहुंच गया फ्रांस ताकि वो अपने पिता को बेगुनाह साबित कर सके! मगर उसके रास्ते में मौत बन कर आ गया अंतराष्ट्रीय अपराधी जिग्सा का जाल! कौन था यह जिग्सा और क्या रिश्ता था इसका ध्रुव के रहस्यमयी अतीत से!
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Issue No: DGST-0092-H
Language: Hindi
Author: Anupam Sinha
Penciler: Anupam Sinha
Inker: Vitthal Kamble
Colorist: N/A
Pages: 192
खूनी खानदान-100 कथा एवं चित्र : अनुपम सिन्हा, स्याही : विट्ठल कांबले, सुलेख एवं रंग : सुनील पांडे, संपादक : मनीष गुप्ता ध्रुव को आई एक गुमनाम कॉल जिसके जरिए उसे पता चला कि उसके पिता श्याम एक फरार हत्यारे थे! और फिर ध्रुव पर हुआ कुछ अंजान विदेशी अपराधियों का जानलेवा हमला! क्या रहस्य था इन सब घटनाओं का! क्या ये सब एक षड्यंत्र था या फिर ध्रुव का खानदान था एक खूनी खानदान! अतीत-105 कथा एवं चित्र : अनुपम सिन्हा, स्याही : विट्ठल कांबले, सुलेख एवं रंग : सुनील पांडे, संपादक : मनीष गुप्ता अपने पिता को बेगुनाह साबित करने और अपने अतीत को जानने के लिए ध्रुव पहुंच गया फ्रांस जहां कदम-कदम पर उसके लिए मौत का जाल बिछाया गया था! क्या ध्रुव जान पाया अपना अतीत या वो खुद बन कर रह गया एक अतीत! जिग्सा-109 कथा एवं चित्र : अनुपम सिन्हा, स्याही : विट्ठल कांबले, सुलेख एवं रंग : सुनील पांडे, संपादक : मनीष गुप्ता अपने अतीत का पीछा करते-करते ध्रुव पहुंच गया फ्रांस ताकि वो अपने पिता को बेगुनाह साबित कर सके! मगर उसके रास्ते में मौत बन कर आ गया अंतराष्ट्रीय अपराधी जिग्सा का जाल! कौन था यह जिग्सा और क्या रिश्ता था इसका ध्रुव के रहस्यमयी अतीत से!
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