NAGRAJ DIGEST 9 Read Online
>> Thursday, 23 February 2012
NAGRAJ DIGEST 9 |
Format: Printed |
Issue No: DGST-0065-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi, Sanjay Gupta |
Penciler: Pratap Mulick, Chandu |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 96 |
नागराज और लाल मौत-# 250 दुबई के अमीर को मारकर कुख्यात आतंकवादी गिरोह का सरगना युसुफ बिन अली खान बन बैठा दुबई का नया अमीर। दुबई को युसुफ बिन अली खान के आतंक से मुक्त कराने के लिए रूएबा ने नागराज से की मदद की अपील। तब नागराज ने रूएबा को युसुफ बिन अली खान की सेना से बचाया और दुबई की नई साम्राज्ञी घोषित कर दिया और चल पड़ा युसूफ को मौत देने के लिए उसके किले की तरफ मगर उसके किले के चारों तरफ थी रेगिस्तान में छिपी लाल मौत! क्या नागराज उस लाल मौत से बच पाया? नागराज और काबुकी का खजाना- # 270 जुर्म को मिटाने की नागराज की शपथ उसे खींच लाई तन्जानिया के जंगलों में जहां उसे मिले कुछ दोस्त और मिले जानवरों की बेरहमी से हत्या कर उनका सौदा करने वाले हैवान! और उन हैवानों का सम्राट था थोडांगा। थोडांगा जिसके बारे में प्रसिद्ध था कि वह रोजाना शक्तिशाली गैंडों से कुश्ती करता था। बेजुबान जानवरों की बेरहम हत्याओं को रोकने के लिए नागराज को करना था थोडांगा का अंत! लेकिन उसके रास्ते में दीवार बन कर खड़े थे जिपा और गुंटारा जैसे शैतान जिसके चंगुल से लोग मरकर ही छूटते हैं! नागराज और थोडांगा- # 280 तन्जानिया के जंगलों का बेताज बादशाह सम्राट थोडांगा के आतंक से जंगल और जंगली जानवरों को मुक्त करने के लिए नागराज टकरा जाता है जंगल के आतंक थोडांगा के खूंखार दैत्यों से! सम्राट थोडांगा को चाहिए काबुकी का खाजाना! तब होती है दोनों में एक खौफनाक टक्कर! नागराज के सारे वार थोडांगा पर बेअसर साबित होते हैं जबकि थोडांगा के वारों के आगे नागराज कहीं नहीं टिकता! |
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