NAGRAJ DIGEST 14Format: Printed
Issue No: DGST-0095-H
Language: Hindi
Author: Tarun Kumar Wahi, Haneef Ajhar
Penciler: Pratap Mulick, Milind Misal, Vit
Inker: N/A
Colorist: N/A
Pages: 256
नागराज और तूतेनतू- 29 लेखक- तरुण कुमार वाही, कलानिर्देशन- प्रताप मुलिक, चित्रांकन- मिलिंद मिसाल, विट्ठल कांबले हीरों का चोर तूतेनतू! जिसने दुनिया भर के बेशकीमती हीरों को अपने संग्रहालय में सजाने के लिए हर रूकावट, हर बाधा को पार किया और कड़ी से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को मात दे डाला! नागराज ने उसे रोकना चाहा लेकिन वो छलावे की तरह मौत को मात देता हुआ नागराज की नाक के नीचे चोरियां करता रहा। यहां तक कि उसने नागराज के सामने ही कर डाली विसर्पी की भी चोरी और नागराज बस खड़ा देखता रहा। क्या था आखिर यह रहस्य? नागराज और अदृश्य हत्यारा- 31 कलानिर्देशन- प्रताप मुलिक, चित्रांकन- मिलिंद मिसाल, विट्ठल कांबले भ्रष्ट राजनीति के चलते एक होनहार वैज्ञानिक प्रोफेसर श्रीकांत वर्मा बन जाता है अदृश्य हत्यारा! परन्तु बात यहीं खत्म नहीं हुई अब हर अपराधी हो गया है अदृश्य और हर अपराध किया जा रहा है अदृश्य हो कर! अब नागराज क्या करे? नागराज जब इन अदृश्य अपराधियों को देख ही नहीं पा रहा तो उनसे निपटेगा कैसे? नागराज और कांजा- 35 लेखक- तरुण कुमार वाही, कलानिर्देशन- प्रताप मुलिक, चित्रांकन- मिलिंद मिसाल, विट्ठल कांबले खूबसूरत बला कांजा जो दूसरे ग्रह से पृथ्वी पर आई थी और उसने अपनी शक्तियों की मदद से यहां के अपराधियों को गायब करना शुरू कर दिया। लेकिन ऐसा करने के पीछे उसका मकसद पृथ्वी वासियों की भलाई करना नहीं बल्कि कुछ और था। और उसका वह इरादा जल्दी ही नागराज की समझ में आ गया। नागराज ने उसे रोकना चाहा परंतु कांजा ने अपनी शक्तियों से नागराज को भी कर दिया गायब! और जब सच्चाई सामने आई तो नागराज के होश उड़ गए! क्या थी वो सच्चाई? नागराज और पापराज- 36 लेखक- हनीफ अजहर, कलानिर्देशन- प्रताप मुलिक, चित्रांकन- मिलिंद मिसाल, विट्ठल कांबले हजारों साल बाद पैदा हुआ वह दिव्य बालक दुनिया में अमन और शांति लाने के लिए। परंतु दुनिया में पाप का राज फैलाने के मंसूबे देखने वाला पापराज अपहरण कर लेता है उस दिव्य बालक का और नागराज को मजबूर करता है पवित्र खंजर लाने के लिए ताकि वह उस पवित्र खंजर से दिव्य बालक की हत्या कर सके। अगर नागराज उस खंजर को नहीं लाता है तो खुद नागराज का भी बचना मुश्किल है। क्योंकि उसकी रगों में दौड़ता जहर पानी बन रहा है। लेकिन पवित्र खंजर को लाने का रास्ता भी मौत से भरा है! क्या नागराज उस पवित्र खंजर को लाएगा? क्या नागराज अपनी जान बचा पाएगा? क्या वह बचा पाएगा उस दिव्य बालक को या इस बार जीतेगा पाप का अवतार पापराज!
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