Tilismi Olampak - Bhokal Comics Free Download
>> Sunday, 27 May 2012
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Format: Printed |
Issue No: SPCL-2458-H-EC |
Language: Hindi |
Author: Vivek Mohan |
Penciler: Siddharth panwar |
Inker: Gaurav Shrivastava |
Colorist: Shadab |
Pages: 24 |
कालदूत से प्रेम करने वाली सर्प संज्ञा, सर्प गंधा और सर्प प्रिया ने प्रतिशोध स्वरुप कालदूत की संधि को विच्छेद कर दिया| अब उनके प्रेम के बीच कोई दीवार बाकी ना थी| अपने युगों युगों के प्रेम के साथ सुखमय जीवन बिताने के लिए तीनों महानागिनों ने किया एक और स्वर्ग का निर्माण किन्तु इस नए स्वर्ग ने खड़ी कर दी सम्पूर्ण सृष्टि के सामने तबाही की विभीषिका| क्या कर्तव्य पुरुष कालदूत इस तबाही को रोकेंगे या अपनी इन महा क्रोधिनी प्रेमिका नागिनों के साथ स्वर्ग का आनंद उठाएंगे| |
Rs 20.00 Rs 12.00 You Save: 40.00% |
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2381-H |
Language: Hindi |
Author: |
Penciler: |
Inker: |
Colorist: |
Pages: 24 |
Rs 20.00 Rs 17.00 You Save: 15.00% |
Format: {link}eComics{/link} |
Issue No: SPCL-2437-H-EC |
Language: Hindi |
Author: Vivek Mohan |
Penciler: Dildeep |
Inker: Sagar Thapa |
Colorist: Mohan Prabhu |
Pages: 24 |
मिस्र के पिरामिडों की इच्छाधारी नागिन सोडांगी के पूर्व जन्म और पिरामिडों के रहस्यों की एक अनोखी दास्तान| |
Format: Printed | ||
Issue No: SPCL-2465-H | ||
Language: Hindi | ||
Author: Nitin Mishra | ||
Penciler: Hemant | ||
Inker: Sagar Thapa | ||
Colorist: Sunil | ||
Pages: 64 | ||
बदलते समय के साथ आतंकवाद भी उन्नत तकनीक से लेस होता जा रहा है! इस बार भारत वर्ष को थर्राने के लिए आया है आतंकवाद का नया विकसित चेहरा जिसकी ना कोई पहचान है ना कोई अंत! चोर सिपाही के इस खेल में जब शामिल हुए दो महारक्षक आतंकहर्ता नागराज और तिरंगा तब उनके दांतों तले भी आ गया पसीना क्योंकि सामने खड़े आतंकवादी को ना सर्प रस्सी कैद कर सकती है ना ही न्याय स्तंभ छू सकता है! | ||
Rs 40.00 Rs 34.00 You Save: 15.00% |
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2485-H |
Language: Hindi |
Author: Nitin Mishra |
Penciler: Hemant |
Inker: Jagdish |
Colorist: Shadab Siddiqui |
Pages: 80 |
जर्मनी में बिछा षड्यंत्रों का जाल! क्या विश्व फिर से नाजी बर्बरता देखने वाला है? क्या फिर से होने वाला है एक भीषण नरसंहार? क्या सच में हर युग में नरसंहार का कारण रहे हैं इच्छाधारी सांप? क्या सच में इस बार खूनी नरसंहार का कारण बनेगा नागराज? |
Rs 50.00 Rs 42.50 You Save: 15.00% Free Download Link : http://www.mediafire.com/?c5inrkc5u8xsu0l |
Format: Printed |
Issue No: DGST-0069-H |
Language: Hindi |
Author: Sanjay Gupta, Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Pratap Mulick, Chandu |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 128 |
नागराज और तूफान-जू- 295- चीन में अमेरिका बनाना चाहता है एक एटॉमिक पॉवर स्टेशन और इसका कॉन्ट्रैक्ट दिया गया चीन के खूंखार गेंगेस्टर कोया-कोया-हितैची को जिसके दो साथी हैं तूफान और जू जो पूरी सेना के लिए अकेले ही काफी हैं। नागराज ने चीन में कोया कोया के साम्राज्य को खत्म करने के लिए कदम रखा और टकरा गया तूफान-जू से। जादू का शहंशाह- 320- मिस्र में जादुई ढंग से गायब होने लगे मुजरिम। कोई न समझ पाया यह रहस्य। नागराज ने मिस्र में इस रहस्य को सुलझाने के लिए कदम रखा और उसकी मुलाकात हुई बला सी खूबसूरत इच्छाधारी नागिन सौडांगी से। सौडांगी जिसका संसार मिस्र के पिरामिडों के नीचे था। नागराज ने सौडांगी से मदद मांगी परंतु इससे पहले कि सौडांगी कोई मदद कर पाती, नागराज भी गायब हो गया। आखिर क्यों और कहां गायब हो रहे हैं सभी? अजगर का तूफान- 350- भारत से तस्करी करके मासूम बच्चे स्कॉटलैंड भेजे जाते थे जहां लगता था उनकी जान पर करोड़ों पॉउंडस का जुआ। उनकी मासूम चीखों पर पैसे लुटाते थे लोग। इस बड़े रैकेट को खत्म करने का बीड़ा उठाया नागराज ने और पहुंच गया स्कॉटलैंड और टकरा गया बच्चों के सौदागर अजगर से। तब उसका सामना हुआ अजगर का तूफान से जिसने नागराज की बोटियां तक उसके जिस्म से नोंच दीं। बकोरा का जादू- 375- इतिहास के पन्नों से निकल कर आई खूनी सीथियन जाति और उसका कहर टूटा रूस पर। सीथियन जो केवल सोना लूटते थे और इंसानों के सिर काटकर उनका खून पीते थे। सीथियनों का दल जब कत्लेआम मचा रहा था तब उनसे आ टकराई के.जी.बी. की जहीन जासूस सूसन। लेकिन हजारों सीथियनों के आगे अकेली सूसन की जान जोखिम में पड़ गई। तब मानवता की रक्षा तथा सूसन की मदद के लिए पहुंचा नागराज और उसे टकराना पड़ा सीथियनों के रक्षक हैरतअंगेज बकोरा के जादू से। नागराज बकोरा के जादू के सामने टिक न पाया और बदल दिया गया एक मोम के पुतले में। |
Rs 75.00 Rs 63.75 You Save: 15.00% |
Format: Printed |
Issue No: DGST-0070-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Bedi |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 192 |
बांकेलाल और शैतान जी- 406- कंकड़ बाबा के शाप से छुटकारा पाकर बांकेलाल और विक्रमसिंह पृथ्वी पर तो आ पहुंचे थे किन्तु अभी भी अपने प्यारे विशालगढ़ से कोसों देर थे। विशालगढ़ की खोज करते हुए दोनों बित्तों के क्षेत्र में प्रवेश कर गए। इसका दण्ड घाड़-घाड़ घूसों से उन्हें भुगतना ही पड़ा। अब बांकेलाल तो ठहरा बांकेलाल । भला अपने अपमान का बदला कैसे ना लेता। वो ले भागा हिलू हिलू हीरा जोकि बित्तै बौनों की शक्ति थी। जबकि दूसरी तरफ शैतान जी बितों पर आक्रमण करके हिलू हिलू प्राप्त करने आ रहा हैं। अब बांके का भगवान ही मालिक है । बांकेलाल और चोर तिलिस्मी-421- विशालगढ़ की खोज में भटकते भटकते विक्रम और बांके पहुंच गए एक नगर में जहां आतंक था बांके के हमशक्ल चोर तिलिस्मी का जो अपनी तिलिस्मी शक्तियों की मदद से चुरा लेता था खजाना! बस फिर क्या था फंस गया बेचारा सीधा सादा बांके चोरी के चक्कर में! लेकिन बांके अपने शत्रुओं को एवईं छोड़ दे तो उसे बांके कौन कहे, बांके ने भी ठान ली उल्टा चक्कर चलाने की! तो आखिर क्या हुआ इसका अंजाम! क्या चोर तिलिस्मी पकड़ा जा सका? बांकेलाल और खुजाल राज- 436 - विशालगढ़ की खोज में भटकते भटकते बांके लाल और विक्रम सिंह पड़ गए थे भयानक संकट मे। ऋषि भंगोड़ी ने विक्रम सिंह को दे दिया शाप जिसके कारण विक्रम सिंह के अंगों में विकार उत्पन्न होने लगे। एक अंग आता तो दूसरा गायब हो जाता। ये मुसीबत ही काफी नहीं थी की वो फंसे एक नए चक्कर में। एक खुजली का मारा खुजाल राज। दूसरा कोढ़ का मारा कोढ़पति। अब इनकी भगवान ही भली करें हीहीही। बांकेलाल और चोर खोपड़ी- 442 - विशालगढ़ की खोज में भटकते बांकेलाल और राजा विक्रम सिंह का अंगविकार शाप से अभी पीछा नहीं छूटा था कि संकट बनकर आ गया चड्डी पुर का राजा बनियान, जिनको खोज थी खोपड़ी चोर की बांकेलाल और विक्रम सिंह को ही समझ लिया गया खोपड़ी चोर और उन्हे नाक से पकड़ कर कैद मे डाल दिया गया। बांकेलाल अपमान से जल उठा। किन्तु तभी राजा बनियान की भी हो गई खोपड़ी चोरी! अब विक्रम सिंह या बांकेलाल की खोपड़ी राजा की कटी खोपड़ी के स्थान पर लगाई जानी थी ऋषि भंगेड़ी के शाप से विक्रम सिंह की खोपड़ी तो हो गई गायब। अब बचा बेचारा बांकेलाल। हुण फेर बांके लाल दा की होऊ! चमत्कारी वृक्ष-449- खुराफाती बांकेलाल को मिला एक ऐसा चमत्कारी वृक्ष जिस पर रंग बिरंगे दस्ताने लटक रहे थे, फिर क्या था बांकेलाल ने दो दस्ताने तोड़े और हाथों पर चढ़ा लिए, किन्तु खुराफाती के साथ हो गई खुद खुराफात और उसके दोनों हाथ हो गए गायब! फिर क्या हुआ इस खुराफात का अंजाम? अस्थियुद्ध-468- विशालगढ़ की खोज में भटकते-भटकते बांकेलाल और विक्रमसिंह जा टकराए जादूगर अस्थियुद्ध से जिसने अपने जादुई दंड को उनसे छुआ कर चुरा लिया उनका कंकाल और सामने थी भूखे भेड़ियों का झुंड! अब बिना कंकाल के बांकेलाल और विक्रमसिंह कैसे बचेंगे उनसे? |
Rs 100.00 Rs 85.00 You Save: 15.00% |
Format: Printed |
Issue No: DGST-0071-H |
Language: Hindi |
Author: Sanjay Gupta, Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Manu |
Inker: N/A |
Colorist: N/A |
Pages: 96 |
गोल्डन हत्यारा-589- गोल्डन हत्यारा जो मुम्बई में सनसनीखेज हत्याएं और चोरियां कर अपने शिकार का पूरा शरीर एक गोल्डन पैंट से रंग डालता था । डोगा उस हत्यारे की खोज में निकला तो जा टकराया एक चोर कुबडे़ से जिसके पास था एक खतरनाक सफेद चूहा। तो क्या यही था वो गोल्डन हत्यारा जिसे मुम्बई पुलिस कुत्तों की तरह सूघंती फिर रही थी। आखिर क्या रहस्य था गोल्डन हत्यारे का? कुत्ता राज- 598- दीवाली के तोहफे के रूप में अदरक चाचा सूरज के लिये खरीद लाए प्यारा सा एक कुत्ता थडंर। लेकिन कोई नहीं जानता था कि वो प्यारा सा कुत्ता थडंर एक शैतान साबित होगा। शैतान थडंर ने सभी कुत्तों को सम्मोहित कर के बना लिया अपना गुलाम और निकल पड़ा इन्सानों पर कायम करने कुत्ताराज! डोगा ने अपनी कुत्ता फौज को बुलाने के लिये बजाई डॉग व्हिसल। लेकिन ये क्या? आज डॉग व्हिसल सुनकर भी नहीं आई कुत्ता फौज। तो डोगा कैसे करेगा अब शैतान थडंर के कुत्ताराज का अंत? जबरदस्त- 614- एक खतरनाक अपराघी ‘जबरदस्त’ ने एक टूरिस्ट बस में लगा दिया स्पीड बम। जो बस की गति 50 किलोमीटर प्रति घण्टा से नीचे होते ही जबरदस्त घमाके के साथ फट जाने वाला था। वह टूरिस्ट बस 40 यात्रियों को लेकर मौत के सफर पर निकल चुकी थी। डोगा के सामने थी उस बस के यात्रियों को बचाने की जबरदस्त चुनौती। लेकिन बस को रोका तो होगा जबरदस्त धमाका। कैसे किया डोगा ने इस चुनौती का सामना? |
Rs 50.00 Rs 42.50 You Save: 15.00% |
Format: Printed | |
Issue No: DGST-0072-H | |
Language: Hindi | |
Author: Anupam Sinha | |
Penciler: Anupam Sinha | |
Inker: N/A | |
Colorist: N/A | |
Pages: 96 | |
चौम्पियन किलर-285-नताशा की जिद और देश की इज्जत की खातिर ध्रुव को हिस्सा लेना पड़ा अन्तराष्ट्रीय स्पोर्ट्स मीट में जहां उसका सामना हुआ चौम्पियन किलर से जो विश्व चौपियन्स के खून का प्यासा था! और जब ध्रुव ने उसका रास्ता काटने की कोशिश की तो चौम्पियन किलर ने उसे भी दिखा दिया एक भयानक और दर्दनाक मौत का रास्ता! क्या ध्रुव बच पाया? आखिरी दांव-290- चौंपियन किलर के दांव में फंस चुका था ध्रुव! अब ध्रुव को एक ही दांव बचा सकता है! उसका आखिरी दांव! क्या था वो आखिरी दांव? विडियो विलेन-385- केबल के घिसे पिटे सीरीयल से तंग आ चुके कुछ खास दर्शकों को डायरेक्टर ने परोसे असली और हिंसक लाईव एक्शन फाईट के वीडियोज! और जब ध्रुव ने इस अपराध को रोकने की ठानी तो डायरेक्टर ने ध्रुव की मौत का सजीव प्रसारण करके कर दिया सदी का सबसे बड़ा तहलका! तो क्या ये वीडियो विलेन ध्रुव की मौत का वीडियो बना पाया! | |
Rs 50.00 Rs 42.50 You Save: 15.00% |
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2482-H |
Language: Hindi |
Author: Nitin Mishra |
Penciler: Stuti Mishra |
Inker: Stuti Mishra |
Colorist: Shadab Siddiqui |
Pages: 64 |
हम्मा हम्मा के समुद्र से निकले दो खूंखार समुद्री लुटेरे जिन्होंने किसी खास चीज की तलाश में महानगर, राजनगर और राजापुरी को बुरी तरह उलट पुलट दिया! तीनो नगरों के रखवाले नागसम्राट नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव और जांबाज़ टोड्स मिल कर भी अपने अपने नगरों की रक्षा करने में खुद को अक्षम पा रहे हैं! क्या इस बार रक्षकों पर भारी पड़ेंगे खूंखार समुद्री लुटेरे? |
Rs 40.00 Rs 34.00 You Save: 15.00% |
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2484-H |
Language: Hindi |
Author: Tarun Kumar Wahi |
Penciler: Stuti Mishra |
Inker: Stuti Mishra |
Colorist: Basant Panda |
Pages: 48 |
हर बार राजा विक्रम सिंह का बंटाधार करने की युक्तियाँ सोचने वाले बांकेलाल का इस बार खुद हो गया बंटाधार, उसे लग गया तीन तिगाड़ा योग! लेकिन वो बांकेलाल ही क्या जो खुद पर आई मुसीबत को दूसरे पर ना डाल दे! आखिर बांके लाल ने तीन तिगाड़ा से ही विक्रम सिंह के घुटने तोड़ने की युक्ति ढूँढ निकाली! |
Rs 30.00 Rs 25.50 You Save: 15.00% |
Format: Printed |
Issue No: SPCL-2486-H |
Language: Hindi |
Author: Anurag Kumar Singh |
Penciler: Sushant Panda |
Inker: Sushant Panda |
Colorist: Shadab Siddiqui |
Pages: 48 |
भेड़िया के जंगल का हर कबीला वासी अपने अपने कबीले के लिए बनाना चाहता है सबसे बड़ा और अभूतपूर्व कीर्ति स्तंभ! हो रही हैं खूनी प्रतिस्पर्धाएं और आज अपनी परम्परा की खातिर कोई भेड़िया की भी नहीं सुन रहा! क्या आज टूट जाएँगे भेड़िया के नियम? |
Rs 30.00 Rs 25.50 You Save: 15.00% Free Download Link : http://www.mediafire.com/?uy7axcnn401rqmx |
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